एलेन ओक्टेवियन ह्यूम वाक्य
उच्चारण: [ elen oketeviyen heyum ]
उदाहरण वाक्य
- एलेन ओक्टेवियन ह्यूम (६ जून, १८२९-३१ जुलाई, १९१२) ब्रिटिशकालीन भारत में सिविल सेवा के अधिकारी एवं राजनैतिक सुधारक थे ।
- आखिर ऐसा क्या कारण था कि ब्रिटिश गवर्नर डफरिन की इजाजत से स्काटिश अधिकारी एलेन ओक्टेवियन ह्यूम ने जो पहल की उसे ही तत्कालीन बुद्धजीवियों ने राजनीतिक विकल्प माना?
- एलेन ओक्टेवियन ह्यूम (६ जून, १ ८ २ ९-३ १ जुलाई, १ ९ १ २) ब्रिटिशकालीन भारत में सिविल सेवा के अधिकारी एवं राजनैतिक सुधारक थे ।
- यह बात हमारे देश के कितने नवयुवक जानते हैं कि जब यहाँ सन् १६०० में टॉमस रो नाम का अँग्रेज व्यापार करने का प्रार्थना-पत्र लेकर आया था तब मुगल बादशाह जहाँगीर का शासन था और १९४२ में जब ट्रान्सफर ऑफ पावर एग्रीमेण्ट तैयार किया गया तब एलेन ओक्टेवियन ह्यूम नामक एक अंग्रेज़ द्वारा १८८५ में स्थापित कांग्रेस में केवल गान्धी जी की तानाशाही चल रही थी।
- यह बात हमारे देश के कितने नवयुवक जानते हैं कि जब यहाँ सन् १६०० में टॉमस रो नाम का अँग्रेज व्यापार करने का प्रार्थना-पत्र लेकर आया था तब मुगल बादशाह जहाँगीर का शासन था और १९४२ में जब ट्रान्सफर ऑफ पावर एग्रीमेण्ट तैयार किया गया तब एलेन ओक्टेवियन ह्यूम नामक एक अंग्रेज़ द्वारा १८८५ में स्थापित कांग्रेस में केवल गान्धी जी की तानाशाही चल रही थी।
- यह बात हमारे देश के कितने नवयुवक जानते हैं कि जब यहाँ सन् १ ६ ०० में टॉमस रो नाम का अँग्रेज व्यापार करने का प्रार्थना-पत्र लेकर आया था तब मुगल बादशाह जहाँगीर का शासन था और १ ९ ४ २ में जब ट्रान्सफर ऑफ पावर एग्रीमेण्ट तैयार किया गया तब एलेन ओक्टेवियन ह्यूम नामक एक अंग्रेज़ द्वारा १ ८८ ५ में स्थापित कांग्रेस में केवल गान्धी जी की तानाशाही चल रही थी।
- 1857 की क्रांति के बाद क्या राजनीतिक रूप से भारत में कोई समूह कार्यरत हो सकता था? आखिर ऐसा क्या कारण था कि ब्रिटिश गवर्नर डफरिन की इजाजत से स्काटिश अधिकारी एलेन ओक्टेवियन ह्यूम ने जो पहल की उसे ही तत्कालीन बुद्धजीवियों ने राजनीतिक विकल्प माना? व्योमेश चंद्र बनर्जी की अध्यक्षता में मुंबई में कांग्रेस की जो पहली बैठक हुई उसमें शामिल होने वाले 72 प्रतिनिधि देश को राजनीतिक रूप से मुखर करनेवाले लोग नहीं थे.
- एक ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने हमें ३०० वर्ष से अधिक समय तक गुलाम बनाकर रक्खा अब तो ये कम्पनियाँ हजारों की संख्या में हैं, भगवान जाने इस देश का क्या होगा?यह बात हमारे देश के कितने नवयुवक जानते हैं कि जब यहाँ सन् १६०० में टॉमस रो नाम का अँग्रेज व्यापार करने का प्रार्थना-पत्र लेकर आया था तब मुगल बादशाह जहाँगीर का शासन था और १९४२ में जब “ट्रान्सफर ऑफ पावर एग्रीमेण्ट” तैयार किया गया तब एलेन ओक्टेवियन ह्यूम नामक एक अंग्रेज़ द्वारा १८८५ में स्थापित कांग्रेस में केवल गान्धी जी की तानाशाही चल रही थी।
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